‘अरे यार यह तुम्हारी स्टूडेंट है कि कोई तमाशा।’ ‘वह है तो स्टूडेंट ही है। एक इनोसेंट स्टूडेंट। जिसे शातिर बनाने वाली, सारी खुराफ़ात की जड़ रिंग मास्टर तो ज्योग्रॉफी की टीचर नासिरा अंजुम है।’ ‘नासिरा!’ ‘हां, नासिरा। जब तुम आए थे तो तुमसे बड़ा चहक-चहक कर बातें कर रही थी। और तुम भी ऐसे चिपके जा रहे थे, फिदा हुए जा रहे थे कि पूछो मत। घर पहुंच कर बोले अरे यार तुम्हारी नासिरा तो बड़ी पटाखा चीज है।’