स्वीटी की आज एक्जाम थी, वह समय रहते कॉलेज जाने के लिए निकली थी। पर ये क्या? उसकी गाड़ी के ग्लास पर किसी बर्डने पोटी करदी थी। उसने कपड़े से ग्लास को पोंछा और अंदर बेठ गई। अंदर जाके उसने देखा की ग्लास पर अभी भी सफ़ेद दाग़ सा कुछ दिख रहा हे, वह नीचे उतरी और फिर से कपड़ा लेकर उसे अच्छी तरह साफ किया। फिर से वह जाकर अंदर बेठ गई अभी भी वह दाग हलका हलका दिखाई दे रहा था। "ई... तू चला क्यों नहीं जाता? मुझे तू जरा भी पसंद नहीं हे, दफा हों जा यहा से।"