भयंकर याद (अंत )

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ये सब से हमलोगन को भुतबाधा की संका तो होवत थी मगर पक्का यकीन ना आवत था इत्तीफाकन से ऊ माँ बेटी मे आज बेटी ही रोटी हंडिया करन आई और हम सभी ने उसको घेर कर रात की बात बता दी ओर उसको जोर देकर पूछन लगे के यहाँ क्या गड़बड़ हैँ बड़ी खुशामद के बाद वो जा के बोली के बहुत सालो पहिले इस मकान मे एक चौकीदार रहता था उसकी एक फुल सी बच्ची और एक सुन्दर पत्नी थी वैसे तो चौकीदार भला मानस था मगर उसमे शक करने की बड़ी गन्दी आदत थी आये दिन अपनी जोरू को