डोर – रिश्तों का बंधन - 9

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पूर्वी अपने मम्मी पापा के साथ अपने घर चली गई थी, रिन्नी दीदी तो उन लोगों से पहले ही निकल गई थी बोलीं, 'मां और दीपक भैया दोनों की ही तबीयत खराब है, उन्हें ज्यादा देर अकेले छोड़ना ठीक नहीं।' मेहमानों के जाने के बाद भी वो लोग कई देर तक उनकी ही बातें करते रहे, पूर्वी पहले से ही सबसे हिली मिली थी पर इस बार तो वह अपनी ही हो गई थी, अब तो बस सबके मन में एक ही चाह थी कि जल्दी से उसकी शादी चिंटू के साथ हो जाए और वह हमेशा के लिए उनके परिवार का हिस्सा बन जाए। अगले दिन चिंटू भी दिल्ली चला गया, शादी की तारीख तय हो गई थी और उसके पास छुट्टी बहुत कम थी। चिंटू के जाते ही घर फिर से सूना सूना हो गया था और नयना की पहली सी दिनचर्या भी शुरू हो गई बस फर्क मात्र इतना आया था कि अब वह अक्सर किसी ना किसी बहाने से रिन्नी दीदी के घर भी चली जाया करती थी।