विशवाजीत साधारण सा दिखने वाला सामान्य लोगों मे रह रहा एक शातिर डकैत थाउसको देख कर होशियार से होशियार आदमी भी चकमा खा जाये ऐसा रूप धारण कर रखा था महाशय ने अरे औरो की तो छोड़ो अपनी परछाई को भी धोखे मे रखता था ये आदमी आम लोगो की तरह मध्य वर्गीय स्थिति मे अपनी पत्नी और 10 वर्षीय बेटी के साथ निवास करता था बेटी और पत्नी को किसी प्रकार के कारोबार को चलाने के भ्रम मे लपेटा हुआ था पिछले दो महीनों से साहब की हालत पतली थी हुआ ये के दो महीने पहले एक लोता चोर साथी एक काम