बड़ी बाई साब - 3

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ऐसे अद्भुत व्यक्तित्व के धनी बहुत कम होते हैं, सो उनके जोड़ की बहू कैसे मिलती? सब उनसे उन्नीस ही थे. बीस कोई मिला ही नहीं, या उन्होंने खोजी ही उन्नीस. लड़के का ब्याह भी ऐसी उमर में कर दिया, जब मना करने का न उसे शऊर था, न हिम्मत. अपनी पसन्द बताना तो बहुत दूर की बात. “गौरी भाभी, बड़ी बाईसाब टेर रहीं आपको” कमला की आवाज़ से तंद्रा टूटी गौरी की. “कहां थीं गौरी? जब कोई रस्म हो रही हो तो तुम्हें आस-पास नहीं रहना चाहिये क्या? पंडित जी को कभी किसी चीज़ की ज़रूरत है, तो कभी