ब्लाइंड डेट

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वह मुस्कुराने की कोशिश कर रहा है। चेहरे पर स्याह रंगत वह देख समझ सकती है। क्या ईशान भी उसके चेहरे को पढ़ पा रहा है। विदा की बेला में वह ज्यादा बात नहीं करना चाहती। न खुद बोलना चाहती है न उसे बोलने देना चाहती है। बिन कहे विदा मुश्किल तो होती है पर... “आई मिस यू टू माई डियर स्ट्रैंजर...” ईशा ने हाथ बढ़ाया जिसे ईशान ने थाम लिया। दोनों की हथेलियों की ऊष्मा एक दूसरे के नसों तक पहुंच रही थी। ऊष्मा में कुछ ध्वनियां थीं-- “ मैंने बहुत नज़दीक से देखा तुम्हें, क्या हम कुछ लम्हें जी सकते हैं, एक साथ! इतने दिनों से हम जिस अहसास को आत्मा का हिस्सा बनाए बैठे हैं, क्या उसे मैं छू सकता हूँ” ईशा.... इतने दिनों में तुम मेरा हिस्सा बन गयी हो, मैं तुम्हारे साथ ही जैसे चला जाऊंगा, तुम्हारे अहसास के बिना ही, मैं तुम्हारा अहसास चाहता हूँ”