ईश्वर के क्या आँख है जो देखता ? देखता तो क्यों बोझिल जीवन ढोते हैं जो सहृदय रहे आजीवन ? ईश्वर के अंधे होने का प्रमाण है इस समाज के आईने पर वो बूढ़ी माँ वृद्धा आश्रम में दिन गिन रही है बाट जोहती अपने बेटे की जो उसकी चिता को अग्नि देने अब आता होगा, तब आता होगा वो ईमानदार क्लर्क के बेटे सरकारी अस्पताल में उसे कैंसर से तड़पते छोड़ कर चुपके से सरक गए, मौहल्ले के स्कूल टीचर की बेटी का वहशी गुंडों ने रेप कर उसका गला रेत दिया