लाइफ़ @ ट्विस्ट एन्ड टर्न. कॉम - 15

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यामिनी सबसे मिलकर अपने घर चली आई है । मीशा की चिंता लगी रही । उसे विश्वास था दामिनी दीदी पर । वे इतनी जुझारू महिला थीं, पता नहीं किस मिट्टी की बनी थीं , नेगेटिव तो उन्हें छूता भी नहीं था । हैरी अपने बैंक के कामों में व्यस्त रहे फिर बोले, ``मैं ज़रा बैंक होकर आता हूँ। लंच तक आ जाऊंगा। `` पलँगों पर धुले कपड़ों का पहाड पड़ा था, वह बैठ कर तह लगाने लगी धोबी को फ़ोन किया, अपने नौकरों को फ़ोन कर सबको बताया कि काम पर लौट आओ ।