कहानी - इंतक़ाम गर्मी की एक दोपहर में अर्चना के फ्लैट का कॉल बेल बजा . वह अपनी विधवा बूढी माँ के साथ उस छोटे से फ्लैट में बहुत दिनों से रह रही थी . कुछ ही देर पहले उसे नींद आयी थी . उसकी माँ ने उसे हिला कर जगाया और कहा “ जा बेटी देख , कोई आया है . “ अर्चना ने अपने कपड़े सहेजते हुए दरवाजा खोला तो देखा कि सेठ का बेटा रतन खड़ा था . रतन अभी कोई छः साल का रहा होगा . जब अर्चना ने पूछा “ क्या बात