डुबकी

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वह लौट रही है अपने घर, मन में तरह तरह की शंकाएं, आशंकाएं लिए। क्या होगा जब वह घर लौटेगी। हरीश कितना खुश होगा। गुड्डी, चिंटू तो खुशी के मारे पागल न हो जाएं। कितना आहलादकारी क्षण होगा जब वह अपने जीवन के तीन सितारों से मिलेगी। उसके लौटते ही जीवन की सारी खुशियां लौट आएंगी। कई बार लौटना कितना कठिन होता है। यह रोज की तरह लौटना नहीं था। डुबकी के बाद लौटते हुए गीली देह भारी होती ही है। फिर भी लौटना तो है न। उम्मीद और संशय से भरी भरी जब लौटेगी तब ? गुड्डी दौड़ेगी उसकी तरफ...चिंटू उसके पेट में मुंह रगड़ेगा और हरीश...? कस लेगा सबके सामने।