उंची दुकान फिका पकवान. ये कहावत 'लाल कप्तान' पर बराबर फिट बैठती है. निर्देशक के रुप में जब ‘मनोरमा सिक्स फिट अन्डर’ और ‘एनएच टॅन’ जैसी सफल थ्रिलर देनेवाले नवदीप सिंह हो, निर्माता जब बतौर निर्देशक ‘तनु वेड्स मनु’ और ‘रांझणा’ जैसी ब्लोकबस्टर देनेवाले आनंद एल राय हो, प्रोडक्शन कंपनी जब इरोस इन्टरनेशनल जैसी तगडी हो और फिल्म का मुख्य किरदार जब सैफ अली खान जैसे इन्टेन्स एक्टर निभा रहे हो तो उम्मीद तो सौ गुनी होनी ही थी, लेकिन अफसोस… 'लाल कप्तान' बुरी तरह से निराश करती है. कहानी शुरु होती है आज से कुछ दो सौ साल पहेले