भूख की आग

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मै तब बारह वर्ष का था |मेरा रोज का नियम था सुबह नास्ते में एक लोटा गाय का ताजा दूध पीना |उस दिन गॉव के पश्चिम दिशा के हनुमान मन्दिर मे अखण्ड रामायण थी |मै भी रामायण पाठ में था तो सुबह घर देर से गया |भूख भी लगी थी |मै कितनी भी देर कर देता पर माँ मेरे लिए ताजा दूध बिना उबला रख देती थी लेकिन उस दिन भाभी ने दूध उबाल कर रखा था |मैने जैसे ही दूध का लोटा मुँह मे लगाया मै जल गया |मै ितलिमला उठा और दूध लोटा सिहत जमीन पर पटक दिया|मेरा