` दुर्लभ पति --दुर्लभ पति ---दुर्लभ पति `---------- दामिनी के बंगले के अपने कमरे में आकर भी यामिनी के कानों में ताली बजाकर चीयर अप करती बहिनों व भांजी कावेरी, सावेरी के ठहाके गूंज रहे हैं । वह सच में ही भाग्यवान है जो उसे ऐसे जीवन साथी मिले। पलंग पर बाजू में अपने सीने पर हाथ रखकर बेफ़िक्री सो रहे हैं कि उन्हें देखते हुए लाड़ उमड़ा पड़ रहा है। यूँ तो यामिनी के पति का नाम हरिंदर था परन्तु फ़ौज़ में उन्हें हैरी कहते थे । अपनी एकलौती लाड़ली बिटिया अनुभा के लिए` पापा` हैं और यामिनी ने उन्हें उस दिन से एक नया नामकरण कर दिया था -` दुर्लभ पति `और कह कर ज़ोरदार ठहाका लगा कर हंस पड़ती थी । हैरी उर्फ़ हरिंदर उस के माथे पर धौल मार कर कहते “ पेज ढीला हो गया है । ’`