अपूर्व के इस तरह बाहर चले जाने पर सभी आश्चर्य में पड़ गए। बैरिस्टर कृष्ण अय्यर ने पूछा, 'यह कौन है डॉक्टर? बहुत ही भावुक।' उसकी बात में स्पष्ट उलाहना था कि ऐसे लोगों का यहां क्या काम है?' डॉक्टर थोड़ा हंस पड़े। प्रश्न का उत्तर दिया तलवलकर ने, 'यह हैं मिस्टर अपूर्व हालदार! हमारे ऑफिस में मेरे सुपीरियर अफसर हैं। लेकिन बहुत अन्तरंग हैं। मेरे रंगून के प्रथम परिचय की कहानी नहीं सुनी। यह एक....' सहसा भारती पर नजर पड़ते ही रुककर उसने कहा, 'वह जो कुछ भी हो, प्रथम परिचय के दिन से ही हम लोग मित्र हैं।'