मैंने पहली बार उन्हें देखा था अपने घर के बड़े से आँगन में तीन मेजों को एक के बाद एक सिरे से लगा कर उन पर अपनी पुरानी नौकरानी की मदद से खाना बनाते हुए. उनके पीछे बहुत सारा रोज़मर्रा का सामान बेतरतीब बिखरा हुआ था. आगन के एक कौने में पेंट के डब्बे, ब्रश, सैंड पेपर्स, मैले कपडे जो रंगाई पुताई के कम में आते हैं, वे पड़े थे. वे खुद उन तीन मेजों के दूसरी तरफ गैस के चूल्हे पर दोनों तरफ एक एक कड़ाही चढ़ाये बेहद व्यस्तता से खाना बना रही थी. नौकरानी उनके कहे अनुसार एक के बाद एक मसालों के डब्बे पकड़ा रही थी. सब्ज़िया काट रही थी. मेरे देखते देखते आधे घंटे के अन्दर उन्होंने तीन तरकारिया, एक दाल, मटर पुलाव बना लिए थे. और उन सब को सर्विंग बाउल्स में डाल कर अन्दर डाइनिंग टेबल पर भेज दिया था.