इस कहानी का हेतु किसी भी भाषा, प्रजाति या प्रान्त को ठेस पोहचने के लिए नही है... यह पूरी तरह से एक कालपनित कथा है, इस कहानी का किसी भी जीवित या मृद व्यक्ति से कोई संबंध नही है, यह पूरी तरह से एक कालपनित कथा है जो कि जाति वाद, स्त्री भ्रूण हत्या, बलात्कार, जबरन और अवेद कब्ज़ा, आत्महत्या आधी के खिलाफ निंदा करते हुए यह कथा प्रदान की गई है.....अब तक..."तुम कहती हो कि तुम्हारी म्हणूसयत मुझे तेहस नेहस कर देगी, लेकिन मे तो पहले से ही तेहस नेहस हो चुका हूँ".."आखिर तुम मेरे बारे मे जानती ही