अब लौट चले - 2

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मेरी तो किस्मत ही ऐसी है पिछली शादी की साल गिरह भी ऐसी ही निकल गई... जानू तुम अपना दिल छोटा मत करो... अभिषेक को मै सम्हाल लूंगा आज तुम घूम आओ... मैंने उसे प्रश्न वाचक की नज़रो से देखा था... तो मनु ने अपना पर्श मेरे हाथ पर रखा दिया था मैंने फ़ौरन पर्स को अपने हांथो के कब्जे मे करते हुए उसको हलकी सी स्माइल दी थी... कि तभी बाहर से कार के हॉर्न की आवाज़ ने माहौल को बदल दिया था... जाओ जानू रवि आ गया है... इतना सुनते ही मै जल्दी से उठते हुए बाहर की तरफ भागी थी... मेरे