नैना अपनी माँ अरुणा जी की लाड़ली बेटी थी। उसकी माँ ने अकेले ही उसको पाला था। नैना के पिता की मृत्यु नैना के बचपन में ही हो गई थी। इधर पार्थ तीन भाइयों में सबसे छोटा था। क्योंकि वो छोटा था इसलिए ज़िद करके अपनी माँ कल्याणी जी और पिता सत्येंद्र जी के साथ रहता था। उसके दोनों बड़े भाई पुश्तेनी मकान में रहते थे। पार्थ की नॉकरी दूसरे शहर में थी इसलिए उसने ज़िद पकड़ ली कि माँ-पापा उसके साथ ही रहेंगे। पार्थ और नैना की नई-नई शादी हुई थी। शादी के बाद नैना जब पहली बार अपने