अमरनाथ धाम संसारमे अनगिनत शब्दोका सर्जन हुआ है, उनमे ' धर्म ' शब्द श्रेष्ठत्तम हैं. ' धर्म ' यानी धारण करना. जो समाजको गरिमा दे, समाजको तूटरे हुऍ, तितरबितर होते हुऍ , अंधाधुंधव अराजकतामे गीरते हुऍ बचाता है वह धर्म हैं. इन्सान के अन्दरूनी सद्गुणोको विकसितकर प्रकाशोन्मुख करनेकी क्रिया ही धर्म हैं. हमारे धर्मके मूलाधारस्वरूप्न तीन प्रमुख देवता हैं, ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव). देवोमे शिरोमणि भगवंत शिव 'आदिदेव' माने जाते हैं. शिवका अर्थ हैं 'कल्याणकारी' भगवंत शिव सर्जन और विद्वंश के अधिष्ठाता है, जिन्हे देवताओके भी देव ' महादेव' कहा जाता हैं. भारत के प्राचिनतम ग्रंथ ॠगवेदमे भगवंत शिवकी