एक दिन...

(11)
  • 8.1k
  • 4
  • 3.1k

एक दिन मैं उदास कहीं जा रहा था,उदासी में ही कोई उदास गीत गा रहा था,थक कर एक पेड़ की छांव में बैठ गया, सोचने लगा कि ये क्या हो गया... अचानक किसी की हंसी सुनाई पड़ी, मुड़कर देखा तो हंसती जिंदगी थी खड़ी, मैंने उससे पूछा तुम कहां गई थी चली, क्या तुम्हें मेरी जरूरत नहीं थी पड़ी... जिंदगी हंसती रही और हंसती रही, तब फिर मैंने उससे यह बात कही, तुमने क्यों मुझे इस कदर रस्ते में छोड़ा, तुम्हारे बाद सब ने मुझसे मुंह है मोड़ा... जिंदगी बोली मैं हर पल रंग बदलती हूं, देखती हूं हंसता जिसे उसी पे मचलती हूं, बचप