"प्रिया...रूमाल कहां रख दिये? एक भी नहीं मिल रहा."" अरे! मेरा चश्मा कहाँ है? कहा रख दिया उठा के?"" टेबल पर मेरी एक फ़ाइल रखी थी, कहाँ रख दी सहेज के?"दौड़ के रूमाल दिया प्रिया ने.गिरते-पड़ते चश्मा पकड़ाया प्रिया ने.सामने रखी फ़ाइल उठा के दी प्रिया ने." ये क्या बना के रख दिया? पता नहीं क्या करती रहती हो तुम? कायदे का नाश्ता तक बना के नहीं दे सकतीं...."रुआंसी हो आई प्रिया. अनंत के ऑफ़िस जाते ही धम्म से सोफ़े पर बैठ गई . सुबह पांच बजे से शुरु होने वाली प्रिया की भाग-दौड़, अनन्त के ऑफ़िस जाने के बाद