व्यवसाय में असफलता के फलस्वरूप उदित का पीना बढ़ गया था दोनों पति-पत्नी में पहले भी झगड़े होते थे अब अधिक होने लगे थे सभी पहचान वालों व मित्रों को लगता कितना सामंजस्य है दोनों में, दूसरी जाति व राज्य के होने के उपरांत भी परिवार को कैसे बांध रखा है ! उस समय ईंट की दीवारों में जान लगती थी, एक मुस्कान व सकारात्मक उर्जा पसरी रहती कितने ही लोग तो कहते