अपनी विषम परिस्थतियों में घिरे गर्वी के पिता बहुत अधिक ‘ड्रिंक’ करते थे वे अपने क्लिनिक में बैठकर खूब पीते और कई बार गिरते-पड़ते अपने घर आते शुभ्रा ने उनकी इस स्थिति के बारे में सुना तो बहुतों के मुख से था किन्तु जब गर्वी का संबंध उसके अपने बेटे से होने की बात आई, उसका गर्वी के घर यदा-कदा जाना होने लगा तब उसे पता चला कि गर्वी के पिता कभी स्कूटर से गिर जाते, कभी कहीं और टक्कर खाकर गिर पड़ते और चोटें खाते रहते उसने कई बार उनके मुह व शरीर की बहुत बड़ी व गहरी चोटें देखी थीं