कुछ क्षण चुप रहने के बाद पावनी ने पूछ ही लिया, तुम शादी क्यों नहीं कर लेती? तुम्हें सहारा मिल जाएगा और तुम्हारे भाई बहनों की जिम्मेदारी उठाने में तुम्हें मदद मिलेगी। उसने विस्मय से पावनी की ओर देखा और कहा, शादी और मैं ? हाँ क्यों नहीं? इसमें विस्मित होने वाली बात क्या है ? शबनम हल्के से मुस्कुराते हुए बोली, मुझसे कौन करेगा शादी? और करेगा भी क्यों ? सिर्फ अपनी जिम्मेदारी उसके कंधे पर ड़ालने के अलावा क्या दे सकती हूँ ? न घर, न दहेज, न ही जवानी कुछ भी तो नहीं है मेरे पास। सब गंवा चुकी हूँ। सिर्फ शरीर नाम की लाश के अलावा क्या है मेरे पास?