कितने मन से सारी तैयारी कर रखी थी उसने। वह एक दम ही हताश हो गई। क्या क्या सोच रखा था, खैर अगर ऑफिस में छुट्टी नहीं मिली तो राम भला क्या कर सकते हैं। मन को समझा कर राम के नहाने के लिए गरम पानी बाल्टी में भर कर, चाय बनाने किचन की ओर बढ़ गई। राम ने बाथ रूम से बाहर निकल कर देखा पावनी चुप चाप चाय बना रही थी। उसने चुपके से जाकर गीले बालों को पावनी के उपर झटकाया फिर पीछे से उसकी कमर कस कर पकड ली, वह पावनी की मायूसी समझ गया था।