पश्चाताप - 1

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अमिता फूट फूट कर रो रही थी अब उसे अपने किये पर पश्चाताप हो रहा था शायद उसे उन बुजुर्गों की हाय लगी थी जिसे रोता बिलखता वह छोड़ आई थी कितना रोका था उन लोगों ने पर उसने उनकी एक ना सुनी नेत्रों से अश्रु बहते जा रहे थे, हृदय हाहाकार कर उठा था वह कितनी स्वार्थी हो गयी थी उस समय, एक बार भी उसने उन वृद्ध माता-पिता के बारे में नहीं सोचा जिन्होंने अपना इकलौता बेटा खोया था आज वो दोनों बुजुर्ग ना जाने किस हाल में होंगे होंगे भी या..!