आसपास से गुजरते हुए - 24

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मैं भारी मन से घर लौटी। आदित्य आए हुए थे। मुझे देखते ही पूछा, ‘तुम कब से शुरू कर रही हो मेरे कंप्यूटर इंस्टीट्यूट में काम करना?’ मैं थकी-सी कुर्सी पर बैठ गई। ‘हूं, क्या हुआ अनु?’ आदित्य उठकर मेरे पास आ गए। ‘मैं दिल्ली जाना चाहती हूं, ऑफिस में काफी काम पड़ा है।’ आई पानी का गिलास लेकर कमरे में आ रही थीं, वे ठिठककर रुक गईं, ‘ये क्या? अता काय झाला?’ ‘तुम दिल्ली जाना चाहती हो?’ आदित्य भी चौंके।