शैदे के मुतअल्लिक़ अमृतसर में ये मशहूर था कि वो चट्टान से भी टक्कर ले सकता है उस में बला की फुर्ती और ताक़त थी गो तन-ओ-तोश के लिहाज़ से वो एक कमज़ोर इंसान दिखाई देता था लेकिन अमृतसर के सारे गुंडे उस से ख़ौफ़ खाते और उस को एहतिराम की नज़रों से देखते थे। फ़रीद का चौक, मालूम नहीं फ़सादात के बाद उस की क्या हालत है अजीब-ओ-ग़रीब जगह थी यहां शायर भी थे। डाक्टर और हकीम भी मोची और जुलाहे, जुवारी और बदमाश, नेक और परहेज़गार सभी यहां बस्ते थे। हर वक़्त गहमा गहमी रहती थी।