मुझे भी अपनी बेटीयों को तनु और बबिता जैसा भविष्य देना था। सीमा की मनोज जी से शादी हो रही थी। मनोज जी की अमीरी ने तनु और बबिता के दिन बदल दिये थे। मैं भी चाहती थी की अपनी दोनों बेटियों को अच्छी जिन्दगी दूं। अपने पति के इलाज में अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया। बेटियों को छोटी-छोटी चीजों के लिए तरसते हुये देखा है मैंने। मैंने निश्चय किया कि मेरी भी बेटियां तनु और बबिता की तरह ऐश्वर्य से जीयेंगी।