मन्नू की वह एक रात - 18

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ज़िया की इस बात से मैं सिहर उठी। कांप गई अंदर तक कि चीनू ने सब बता दिया है। उसने मुझे ज़िया के सामने एकदम नंगी कर दिया है। मुझे अपनी नजरों के सामने फांसी का फंदा झूलता नजर आने लगा था। क्योंकि मैं यह ठाने बैठी थी कि अगर चीनू ने किसी को भी बताया तो मैं ज़िंदा नहीं रहूंगी। आत्महत्या कर लूँगी । मैं इस ऊहा-पोह के चलते कुछ क्षण तक कुछ न बोल पाई तो ज़िया फिर बोली,