उपायुक्त महोदय ने एक लिखित शिकायत जाह्नवी को इन्कवारी के लिये दी। शिकायत पढ़कर उसे हँसी आई कि शिकायतकर्त्ता को इतना भी मालूम नहीं कि वह शिकायत में लिख क्या रहा है। हुआ यूँ कि दफ्तर के दो बाबुओं — महीपाल व अजय — के बीच किसी बात को लेकर तू—तू, मैं—मैं हो गयी। महीपाल ने अजय को कहा कि मैं तुझे ऐसा मज़ा छकाऊँगा कि तू भी याद रखेगा।