(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी चार बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी बेटी ममता की शादी गाँव में ही हुई थी और दूसरी बेटी स्मिता की बम्बई. दोनों बेटे मेडिकल और इंजीनियरिंग पढने शहर चले गए. उनकी पढाई के लिए जमीन और बगीचे गिरवी रखने पड़े. ससुर जी की तबियत खराब हो गई और उनकी मृत्यु हो गई)