खट्टी मीठी यादों का मेला - 8

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(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी चार बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. दो बेटियों में से एक की शादी गाँव में हुई थी, उसे सब सुख था, पर ससुराल वाले कड़क मिजाज थे. दूसरी की शादी बंबई में हुई थी, घर वाले अच्छे थे पर जीवन कष्टमय था. छोटी बेटी नमिता गाँव में लड़कों की तरह साइकिल चलती, पेड़ पर चढ़ जाती. )