घुमक्कड़ी बंजारा मन की - 9

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गोवा के रंग मेरी नजर से (Purva villa) : बरसों पहले बॉबी मूवी देखी थी, उसमे रचा हुआ गोवा का संगीत और वहाँ का माहौल जैसे मन में रच बस गया था, तबसे दिल में था कि गोवा जाना ही है कभी न कभी । फिर ज़िन्दगी, पन्ने दर पन्ने पलटती रही और बंजारा मन और उड़ते पंख भारत के अन्य जगह पर उड़ान भरते रहे । पर हर बार वापस आते और इरादा पक्का होता कि गोवा अब नेक्स्ट । समुन्द्र मुझे वैसे ही बहुत आकर्षित करता है और हर बार लगता कि गोवा के beach जैसे पुकारते हैं । दाना पानी लिखा हो और चाह हो तो पूरी होनी ही है ।