घुमक्कड़ी बंजारा मन की - 8

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देवताओं की अपनी धरती केरला वाकई यह सच है कश्मीर देखा था तब लगा था यहाँ स्वर्ग है पर जब केरल की धरती पर पांव रखा तो लगा यहाँ कदम कदम पर खुद ईश्वर वास् करता है, हरी भरी धरती, गहरा नीला सागर और विस्तृत फैला हुआ नीला अम्बर, दूर दूर जहाँ तक जहाँ नजर डालो वहां रंग ही रंग, कुदरत के रंग, घरों के रंग और हर घर के अहाते में फैले हरियाली के रंग, जहाँ इतनी हरियाली है वहां पक्षी भी उन्मुक्त स्वर में गाते है और जहाँ इतने रंग बिरंगे घर है वहां ईश्वर के रहने के स्थान भी मीठे स्वर से गुंजयमान है