मैं और आलिया अस्पताल जा रहे हैं। वह अचानक रोने लगती है। बिल्कुल बीती रात की तरह। फिर कार के स्टेयरिंग पर हाथ रखते हुए बोलती है - “जोगी जी, प्लीज़, मेरी सुन लो, चलो वापस घर चलें।” “आलिया, पूरी रात हम इसी बात को लेकर कलपते रहे हैं। फैसला करके ही सोये थे।” “वह ठीक है, पर मेरा दिल नहीं मानता। मुझे ऊपर जाकर ईश्वर को भी जवाब देना है।”