रेव पार्टी

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“रेव पार्टी” आर 0 के 0 लाल अशोक जी संडे को दोपहर का खाना खाकर के सो रहे थे कि उनके मोबाइल की घंटी बजी। उनके ही अपार्टमेंट के रस्तोगी जी की काल थी। बोले- "भाई साहब! आज तो बहुत अच्छा मौसम हो गया है, पानी भी बरस रहा है। क्यों नहीं चार बजे आप मेरे यहां आ जाते। रमन और हर्ष भी आ रहें हैं। चाय और पकौड़ी के साथ थोड़ी गप्प मारेंगे।" हां भाई, आ जाऊंगा। आप बुलाएं हम न आएं ऐसा नहीं हो सकता। वह अपने गांव वाला सिरका भी निकलवा लीजिएगा तो मजा ही आ जाएगा।"