अगली सुबह जब उठी तो अपने आप को तरोताजा महसूस किया। अंगड़ाई लेकर जब उठी और पास में नजर गई तो अवि मेरे साथ बेड पर ही सोए हुए थे। वो भी एक ही ब्लैंकेट में ?। उन्होंने अपने नाईट ड्रेस की टीशर्ट भी नहीं पहनी थी। मेरा दिल जोर से धड़कने लगा। कहीं रात में कुछ... नहीं नहीं एसा नहीं हो सकता?। में गुस्से से बेड पर बैठे बैठे ही अवि को पीट ने लगी। वो उठकर अपना बचाव करने लगे। अवि- क्या हुआ? अरे रुको, मार क्यो रही हो? मै- आप मेरे साथ बेड पर क्या कर रहे