सही है और गलत के चक्कर में आज हम इतनी आगे आ गये है सीमा। कम उम्र में शादी और फिर जल्दी-जल्दी तनु और बबिता का जन्म फिर अरूण का पलायन, इन सब में तुम्हारी कोई गलती नहीं होने के बावजूद भी तुम्हें कितना बुरा समय देखना पड़ा है। आज भी तुम दूसरों के लिए ही जी रही हो। आज समय ने तुम्हें फिर से खुलकर जीने का अवसर दिया है। लोग क्या कहेंगे? ये सोचकर अपना बाकी का जीवन नष्ट मत करो। मनोज ने तर्क दिये।