"मम्मी बुआ मुझे देख कर इतनी खुश हुई ना कि मैं आपको बता नहीं सकता। बुआ को समझ ही नहीं आ रहा था ,मुझे क्या खिलाए ,कहां बिठाए । उन्होंने मेरे खाने पीने के लिए इतनी चीजें बना दी कि मैं आपको क्या बताऊं । यह तो पता था मुझे देख कर वह खुश होंगी लेकिन इतना, इसका मुझे अंदाजा नहीं था।"' मेरा 18 वर्षीय बेटा, जो आज अपनी बुआ के घर तीज का सिंधारा दे कर लौटा था खुश होते हुए बता रहा था।उसकी बातें सुन मैं सोचने लगी की हम बेटियां चाहे कितनी ही बड़ी हो जाएं लेकिन