हिमाद्रि(13)पंडित शिवपूजन ने अपनी आयु के कई साल तंत्र विद्या सीखने में लगाए थे। भूत प्रेत को वश में करने के लिए उनका नाम दूर दूर तक फैला था। वह 87 साल के थे। किंतु अभी भी बिना सहारे के तन कर चलते थे। मुखिया जी के घर के दालान में पंडित शिवपूजन तख्त पर पालथी मार कर बैठे थे। गांव के कई लोग सामने बिछी दरी पर हाथ जोड़े बैठे थे। मुखिया जी ने उन्हें हिमाद्रि की सारी कहानी बता दी थी। वह उसी पर विचार कर रहे थे।