घुमक्कड़ी बंजारा मन की - 5

  • 6.3k
  • 1
  • 2.2k

इंसान की ख्वाइशें हर पल नयी होती रहती है, कभी यह चाहिए कभी वह । ऊपर उड़ते नील गगन में उड़ते उड़नखटोले को देख कर बैठने की इच्छा हर दिल में होनी स्वाभविक है, सो मेरे दिल में भी थी कि कब दिन आएगा यह बात सोच में नहीं थी बस जब वक़्त आएगा तो जाउंगी जरुर । यही था दिमाग में और फिर वह दिन आ गया, कुछ सपने बच्चे पूरे करते हैं, सो छोटी बेटी के साथ जाना हुआ विशाखापट्टनम । पहली हवाई यात्रा दिल में धुक धुक कैसे कहाँ जाना होगा ।