वैश्या वृतांत - 12

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दाम्पत्य में दरार के बढ़ते कारक यशवंत कोठारी तब मैं विद्यार्थी था। कालेज में एक प्रोफेसर हमें पढ़ाती थीं। अचानक एक दिन सुना कि उन्होंने आत्महत्या कर ली। कुछ समझ में नहीं आया। धीरे धीरे रहस्य की परतें खुलीं। वे विवाह के 25 वर्पों के बाद अपने नाकारा पति से समन्वय करते करते थक-हार कर प्राण दे बैठी। बच्चे बड़े और समझदार हो गए थे। चाहती तो बड़े आराम से तलाक से उस नाकारा पति से छुटकारा पा सकती थी। उसके पति 25 वर्पों से उनकी कमाई पर जिन्दा थे। अचानक उम्र के इस मोड़ पर एक 45 वर्पीय