ज्यादा बदलाव चाहोगे तो पीट दिये जाओगे (जुलाई २०१९)

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जुलाई २०१९१.ज्यादा बदलाव चाहोगे तोपीट दिये जाओगे,अधिक परिवर्तन चाहोगे तोमार दिये जाओगे,बहुत सुधार चाहोगे तोजेल भेज दिये जाओगे!मांगने पर कौरवों नेपाँच गांव भी नहीं दिये थे,और तुम जनता के लिए अच्छा तन-मन-धन मांग रहे हो!!जो अंग्रेजों ने बिछाया-ओढ़ायाउसी को बिछाया,ओढ़ाया करो,क्योंकि अभी परिवर्तन की बयार धीमी है,सुधार की हवा ठंडी है!२. वे प्यार के दिन थेतब चाय नहीं पीते थेप्यार ही पीते थे।आँखें कहीं और नहीं देखती थींप्यार ही देखती थीं,रास्तों पर पैर नहीं चलते थेप्यार ही चलता था।मौसम, समय नहीं बदलता थाप्यार ही मौसम बदलता था,जहाँ पहुँचना मुश्किल थावहाँ प्यार पहुँच जाता था।वे प्यार के दिन थेतब काम से जी नहीं