जब क़ासिम ने अपने घर का दरवाज़ा खोला। तो उसे सिर्फ़ एक गोली की जलन थी जो उस की दाहिनी पिंडली में गड़ गई थी। लेकिन अंदर दाख़िल हो कर जब उस ने अपनी बीवी की लाश देखी तो उस की आँखों में ख़ून उतर आया। क़रीब था कि वो लक्ड़ियां फाड़ने वाले गंडासे को उठा कर दीवाना वार निकल जाये और क़तल-ओ-गरी का बाज़ार गर्म कर दे कि दफ़अतन उसे अपनी लड़की शरीफन का ख़याल आया।