"ऐ बाई ! कहां का टिकिट काटें ? " -बस कंडक्टर चौथी बार चिल्लाया तो पीछे की सीट पर बैठा मैं अपनी जगह पर खड़ा हो गया . - ठीक से बात करिये कंडक्टर साहब , बुजुर्ग महिला हैं . - क्या करुं भाई, माताजी न तो टिकट ले कर बैठीं , न हीं कुछ बता रहीं हैं, मुझे भी तो अपनी ड्यूटी पूरी करनी है । रुपये नहीं थे