ज़ीनत की आंखो में जैसे उसे कुछ ओर ही दिखाई दियाlउसकी आंखे गुस्से से जैसे लाल हो गई थी ।ये सब देख रफीक ने सबा को बोलाl" सबा मुझे घर लेे चलो जल्दी सबा को सब कुछ अजीब सा लगाl कुछ बुरा होने वाला है..! जैसे कोई मुझे यहां रोक लेगा..! भागो जलदी यहां से घर..! " भाग 5सबा रफीक को घर ले आई ,लेकिन रफीक बहुत डरा हुए सा था l जैसे उसने कोई बुरी ताकत देख ली हो जैसे।ज़ीनत उसी बरगद के झूले पर बैठी