दाम्पत्य बात २०१४ के प्रारंभ की है जब नायक की सगाई परिवार जनों की व्यवस्था पद्धति (अरेंज ) से सम्पन्न हो चुकी थी, जहाँ पहली ही मुलाकात में नायक-नायिका (भावी दम्पति) ने उस समय सूझी हुई सभी जरुरी बातें पूरी करने के बाद भी, यदि कुछ बाकि रखा तो सिर्फ एक दुसरे के मोबाइल नंबर साझा करना,जो कि इस समय तक किसी रश्म की भांति ही प्रचलन में आ चूका था, या यु कहूँ कि वही एक मात्र रिवाज था जिसे पूरा करने का दोनों में से किसी एक ने भी प्रयास भले न किया हो, पर मन ही मन