रोहित और सौरभ दोनों दोस्त जॉब की तलाश में भटक रहे थे। इसी के चलते दोनों कई एक्जाम दे चुके थे।दिसंबर के महीने में दोनों एक एक्जाम देकर बापस लौट रहे थे। शाम के 4बज चुके थे। उनका एक्जाम सेंटर उनके होमटाउन से दूर था।वो दोनों एक पुराने और गाँव से दूर एक बस स्टॉप पर उतर गए क्यों कि उनको वहाँ से दूसरी बस से जाना था।"उफ्फ! अभी तो दूसरी बस के लिए 2घण्टे का टाइम रखा है और यहां हम दोनों के अलावा कोई और भी नहीं है।" - रोहित ने अपनी हैंड वॉच देखते हुए और भौंहें